Importance of Vocational Education
Importance of Vocational Education: वर्ष 2020 में आयी नई शिक्षा नीति के बाद से ”स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा” के बारे में आप सभी ने जरूर सुना होगा। बहुत से छात्रों के मन ये सवाल भी आया होगा की क्या कक्षा 9 से 12 में व्यावसायिक विषयों को पढ़ना चाहिए या नहीं, और व्यावसायिक शिक्षा की पढाई कर के इसका उपयोग कहाँ करेंगे? ऐसे में यह समझना बहुत जरुरी है की आखिर व्यावसायिक शिक्षा क्या है और सरकार ने इसे नई शिक्षा नीति में शामिल क्यों किया है, इससे एक स्कूली छात्र को क्या लाभ हो सकता है।
व्यावसायिक शिक्षा क्या है?
व्यावसायिक शिक्षा, वह शिक्षा है जो किसी भी व्यक्ति में, रोजगार के लिए कौशल को विकसित करती है, अर्थात किसी व्यक्ति में, किसी भी प्रकार के हुनर या काम करने की तकनीक को विकसित करना और उसे रोजगार या खुद का व्यवसाय करने के लिए तैयार करना है।
अभी तक हमारे देश में यह शिक्षा मुख्यतः आईटीआई संस्थान के माध्यम से छात्रों को दी जाती थी, परन्तु भारत सरकार द्वारा काफी वर्षो से इसे स्कूलों में भी शुरू करने का प्रयास किया जा रहा। वर्ष 1986 की शिक्षा नीति में इस पर जोर दिया गया था और इसके कर्यान्वयन के लिए राज्यों को निर्देशित किया गया था परन्तु इसका अपेक्षात्मक परिणाम नहीं आ पाया।
अतः 12 वीं पंचवर्षीय योजना के अतंर्गत इस ओर पुनः ध्यान दिया गया तथा स्कूलों में इसे पुनः लागु करने हेतु Vocationalization of Secondary and Higher Secontlary Education नामक ड्राफ्ट तैयार किया गया। इसके पश्चात भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 से इसे सम्पूर्ण भारत के कुछ चुनिंदा स्कूलो में क्रियान्वित किया गया।
वर्ष 2014 से यह कार्य लगातार किया जा रहा है था तथा इसमें एक फिर वर्ष 2020 में आयी नई शिक्षा नीति ने चार चाँद लगा दिया और पुरे देशभर के हाई स्कूल (9 वीं तथा 10 वीं) व हायर सेकेंडरी स्कूलों (11 वीं तथा 12 वीं) में इसे सुचारु रूप से चलाया जा रहा है।
व्यावसायिक शिक्षा में क्या पढ़ाया जाता है?
यह सवाल अक्सर छात्रों के मन में होता है की हमे व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत क्या पढ़ना पड़ेगा? NSDC जो की पुरे देश में व्यावसायिक शिक्षा के कर्यान्वयन व संचालन का कार्य संभालता है, उसे व्यावसायिक शिक्षा के लिए पाठ्क्रम तैयार करने का भी काम सौपा गया है। स्कूलों में जो व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है वह विभिन्न ट्रेडो या सेक्टर (विषयो) में विभाजित है, प्रत्येक स्कूल में दो ट्रैड संचालित करने की योजना बनाई गई है।
उदाहरण के लिए कुछ ट्रेडो या विषयो के नाम इस प्रकार है- Electronics & Hardware, Beauty & Wellness, Automobile, IT/Computer, Retail, Health Care, Agriculture, Plumber, Travel & Tourism आदि। इन सभी ट्रेडो के अलावा भी अन्य ट्रेड और जोड़े जाने बाकि है।
उक्त सभी ट्रेडो को एक या दो प्रकार के जॉब रोल (Sub-Trade) में भी विभाजित किया गया है। जैसे- Electronics & Hardware को 9 वीं तथा 10 वीं के लिए Ficld Technician-0ther home applianccs, 11 वीं तथा 12 वीं के लिए lnstallation Technician – Computing and Peripherals आदि जॉब रोल्स में डिवाइड किया गया है।
यह जॉब रोल समय समय पर परिवर्तित किये जा सकते है, जॉब रोल का निर्धारण मार्किट के वर्तमान या भविष्य के ट्रेंड्स या जरूरतों को देखते हुए किया जाता है, साथ ही जॉब रोल का निर्धारण करते समय यह भी ध्यान रखा जाता है की उपयुक्त जॉब रोल में नौकरियों की प्रबल संभावनाएं हो।
व्यावसायिक शिक्षा के उद्देश्य क्या है?
स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा की शुरुवात विशेष उद्देश्यों की पूर्ति हेतु की गई है। जो की वर्तमान समय या भविष्य की डिमांड है। वर्तमान समय केवल पारम्परिक शिक्षा का ही नहीं रह गया है बल्कि रोजगारोन्मुख (रोजगार उपलब्ध करने वाली) शिक्षा को ग्रहण करने का है। अतः व्यावसायिक शिक्षा के निम्न उद्देश्य है-
- स्कूली शिक्षा व रोजगार के बीच अंतराल को काम करना।
- माध्यमिक स्तर के छात्रों को आत्मनिर्भर तथा रोजगारोन्मुख बनाना।
- कक्षा 9 से 12 के छात्रों में रोजगार एवं कौशल विकास की क्षमता विकसित करना।
- पिछड़े, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रो के SC/ST/OBC तथा अल्पसंख्यक व्यक्तियों विशेष कर महिलाओ को आत्मनिर्भर बना कर स्व-रोजगार करने के लायक बनाना।
- स्कूली शिक्षा को रोजगारोन्मुख बनाना।
किस विषय या ट्रेड के साथ व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करें?
जब किसी छात्र को व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करनी हो तो उसे विषय का चुनाव करते समय हमेशा सावधानी बरतना चाहिए। छात्र इस बात का ध्यान हमेशा रखे की विषय उसकी रूचि के अनुसार हो या उस विषय में अपने आस पास रोजगार व स्व रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हो। कभी भी ऐसे विषयो को नहीं लेना चाहिए जो छात्र को बोझ लगे और सिखने या पढ़ने में रूचि न आये।
स्कूली व्यावसायिक शिक्षा में कुछ ऐसे विषय है जो सदाबहार है, जैसे- Electronics & Hardware, Beauty & Wellness, IT/Computer, Automobile आदि।
Electronics & Hardware:- यह स्कूली व्यावसायिक शिक्षा का एक ऐसा विषय या ट्रेड है जिसके अंतर्गत वर्तमान में 3 से 4 जॉब रोल संचालित किये जा रहे है। जिसमे पहला जॉब रोल है ”जूनियर फिल्ड टेक्नीशियन” दूसरा है ”सीनियर फिल्ड टेक्नीशियन” तीसरा है ”lnstallation Technician – Computing and Peripherals” तथा चौथा ”सोलर पैनल इंस्टालेशन” संचालित किया जा रहा है।
Beauty & Wellness:- आज का समय फैशन का है ऐसे में यह ट्रेड काफी पॉपुलर है। खास कर लड़कियों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करने के लिए यह बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। इसमें ब्यूटी पार्लर के अंतर्गत होने वाली सारी प्रक्रिया सिखाई जाती है और आज के मॉडर्न ज़माने में होने वाली सारी फैशन की तकनीक सिखाई जाती है।
IT and Computer:- आई टी एंड कंप्यूटर आज के समय में की जरुरत है और ऐसे सीखना अनिवार्य है। ऐसे में इस ट्रेड की उपयोगिता बहुत ज्यादा बाद जाती है। इसमें कंप्यूटर का बेसिक से लेकर एडवांस तक सभी प्रकार का ज्ञान दिया जाता है।
Automobile:- ऑटोमोबाइल का युग अब धीरे धीरे अपग्रेड हो रहा है। एक ओर इलेक्ट्रिक बाइक आ रही है तो दूसरी ओर ट्रांसपोटशन के लिए अभी भी पेट्रोल एंड डीजल इंजिन का उपयोग जारी है। ऐसे में एक ट्रेड की उपयोगिता प्रासंगिक है। रोजगार के अवसर उपलब्ध करने में यह ट्रेड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इन उक्त विषयो के आलावा भी अन्य बहुत से ऐसे विषय व्यावसायिक शिक्षा में शामिल किये गए है जो वर्तमान से लेकर भविष्य के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करने में सक्षम है।
क्या कक्षा 9 से 12 में व्यावसायिक विषयों को पढ़ना चाहिए?
उक्त सारी जानकारी पड़ने के बाद आपको व्यावसायिक शिक्षा का महत्व समझ आ ही गया होगा। ऐसे में आप स्वंय भी यह निर्णय ले सकते है की क्या कक्षा 9 से 12 में व्यावसायिक विषयों को पढ़ना चाहिए?
मेरी राय में यदि आपके स्कूल में व्यावसायिक शिक्षा के विषय पढ़ाये जा रहे है तो अवश्य ही आपको 9th-10th या 11th-12th में एक बार इनकी पढाई करनी चाहिए। यह आपके ज्ञान को बढ़ने में और आप में मार्केट की समझ पैदा करने में मदद करेगा।
सरकार व्यावसायिक शिक्षा के लिए एक बड़ा बजट स्वीकृत करती है जिसमे छात्रों को हर माह गेस्ट लेक्चर और इंडस्ट्रियल विजिट की सुविधा के साथ ही आधुनिक उपकरणों के सुसज्जित लैब का निर्माण करने के लिए उपयोगी होता है।
व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत छात्रों को उच्च गुणवत्ता की ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए वेल एजुकेटेड शिक्षकों की भर्ती कराई जाती है जो काफी अनुभवशील होते है तथा उच्च स्तर की ट्रेनिंग उपलब्ध कराते है।
निष्कर्ष
आशा करता हूँ की आपको व्यावसायिक शिक्षा के बारे में प्रारम्भिक ज्ञान हो गया होगा जो आपको निर्णय लेने में मदद करेगा। वर्तमान में सभी को बेहतर रोजगार के अवसर तलाशने में व्यावसायिक शिक्षा ही एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और यह स्कूल से शुरू होकर आगे भी आईटीआई और पॉलिटेक्निक में प्राप्त की जा सकती है।
यदि आपके मन में व्यावसायिक शिक्षा से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में अवशय ही आप हमसे पूछ सकते है, आपके सवालो के जवाब निश्यच ही आपको दिए जायेंगे।
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